दुनिया में ऐसे बहुत रहस्य है, जिनके बारे में विज्ञान को अभी पता नहीं है | यदि यह कहा जाये की इतनी तरक्की करने के बावजूद भी विज्ञान भगवान से आगे नहीं बढ़ पाया है तो कहना गलत नहीं होगा | दुनिया में ऐसे ना जाने कितने ही राज है, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते है | ये रहस्य भगवान की समझ से परे है |
आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जिसके बारे में कहा जाता है की उसमे जाने पर मुर्दा व्यक्ति भी जिन्दा हो जाता है | इसे सुनकर हो सकता है आपको यह मजाक लगे | लेकिन इस बात को विज्ञान ने भी माना है | वे भी इस बात का पूर्ण रूप से समर्थन करती है |
यह मंदिर देहरादून से लगभग 130 किलोमीटर दूर यमुना नदी के किनारे बना हुआ है | यह बर्नीगाड़ नामक स्थान से कुछ ही किलोमीटर दूर है | इसके बारे में कहा जाता है की यह वही स्थान है, जहाँ महाभारत में पांडवो को दुर्योधन के द्वारा लाक्षागृह में जलाया जाने वाला था | कुछ लोगो का मानना है की जब पांडवो ने महाभारत का युद्ध जीता था तो उसकी खुशी में धर्मराज युधिष्ठिर ने यहाँ एक भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित किया था |
यह शिवलिंग युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण के कहने पर ही स्थापित किया था | जहाँ कालांतर में मंदिर बनवा दिया गया | इस मंदिर में शिवलिंग के पश्चिम दिशा में दो द्वारपाल स्थित है | जिनके बारे में कहा जाता है की यदि इनके पास किसी मुर्दे को लेटाया जाये और किसी पंडित द्वारा गंगाजल छिड़का जाये तो उसके शरीर में आत्मा वापस प्रवेश कर जाती है | इसके बाद में व्यक्ति भगवान का नाम लेता है और जब उसे पुनः गंगाजल पिलाया जाता है तो पूनः मृत्यु को प्राप्त हो जाता है |
कुछ लोगो का कहना है की यदि इस मदिर के पास से भी किसी मृत व्यक्ति को ले जाया जाता है तो उसके हाथो में कम्पन्न शुरू हो जाता है | यह सुनने में किसी फिल्म की कहानी की तरह लगता है | लेकिन यही सत्य है | यहाँ यह सब एक प्रथा के रूप में चलता है |
भारतीय और विदेशी वैज्ञानिक भी इस बात को लेकर हैरत में की ऐसा कैसे हो सकता है | वैज्ञानिको का कहना है की व्यक्ति मरने से पहले कुछ समय के लिए अचेत हो जाता है | जब उस पर गंगा जल छिड़का जाता है तो ठन्डे पानी की वजह से वह होश में आ जाता है और कुछ गंगा जल की बुँदे पिने के बाद वह पूनः अचेतन अवस्था में चला जाता है और मृत्यु को प्राप्त हो जाता है | जिसे शतानीय लोग भगवान का चमत्कार कहते है |